High Blood Pressure in Hindi – हाई ब्लड प्रेशर कब और क्यों होता है?
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हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्त चाप क्या होता है – High Blood Pressure in Hindi

High Blood Pressure in Hindi: हर दूसरे घर में हाई ब्लड प्रेशर के पेशेंट आजकल देखने को मिल रहे हैं। हमारे शरीर में खून की नसें हैं जिसे धमनियां कहते हैं उसमें जो खून दौड़ता है उस खून का धमनियों की दीवार पर जो दबाव आता है उसे ही ब्लड प्रेशर कहते हैं। ब्लड प्रेशर दो तरह के होते हैं एक होता है सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर यानी कि ऊपर वाला और दूसरा होता है डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर यानी कि नीचे वाला।

हाई ब्लड प्रेशर को एक सामान्य उदाहरण के साथ समझने की कोशिश करते हैं। हमारे घर में मोटर तो होती है जिससे पानी अलग अलग जगह पर जाता है मोटर के द्वारा।  मोटर का काम होता है पंप करना और वहां से जो पानी है वह पाइप्स के द्वारा अलग-अलग जगह पर पहुंचता है। वैसे हमारे शरीर में मोटर का काम करता है हमारा हार्ट। हार्ट से धमनियों के द्वारा ब्लड हमारी नसों और शरीर के अंगों तक पहुँचता है।

अगर आपने देखा होगा कि आप पानी की पाइप को अगर कभी दबाया हो तो आप महसूस करेंगे कि पानी का दबाव बढ़ जाता है और पानी पर एवं मोटर पर भार आ जाता है क्योंकि वहां पर हमने दबा दिया तो एकदम से वह ब्लॉक हो गया है अब पानी कैसे भी करके आगे जाना चाहता है लेकिन हमने उसे दबाया है तो प्रेशर देगा।

बिल्कुल वैसे हमारे शरीर में होता है जैसे हमारे धमनियों में कुछ फैट जमा हो जाता है या कुछ ब्लॉक हो जाता है कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है तो उसकी वजह से हमारी धनिया सिकुड़ जाती हैं या फिर उसमें ब्लॉकेज हो जाते हैं उसकी यह से हार्ट तो पंप कर रहा है ब्लड छोड़ रहा है लेकिन ब्लड जो है अपने रास्ते में जो रुकावट आती है उसकी वजह से धमनियों की दीवार पर दबाव पैदा करता है। ब्लॉकेज हो गया है लेकिन उस ब्लॉकेज से निकलने की कोशिश करता है तब वहां पर दबाव आता है उसको कहते हैं हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure in Hindi)। 

नार्मल ब्लड प्रेशर कितना होता है?

सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर जो है वो 120 और जो हमारा डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर है उसका स्केल 80 होता है. हाई ब्लड प्रेशर के दो स्टेज होते हैं। पहले स्टेज में जो पेशेंट होता है उसका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर का स्केल 130-139 तक पहुंचता है तो डायस्टोलिक स्केल 80-89 पहुँचता है। स्टेज 2 में  सिस्टोलिक 140 हो जाता है तो डायस्टोलिक 90 से ज्यादा हो जाता है।  

कई बार ऐसा भी होता है कि अगर आप भाग कर आए हैं या आप योगा एक्सरसाइज करके आए हैं  तो आपका ब्लड प्रेशर ज्यादा आएगा क्योंकि आपने  फिजिकल एक्सरसाइज की है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर नहीं कहेंगे।  

जब भी आप घर पर अपना BP चेक करते हैं उसमें देखना है कि उसके पहले की आधे घंटे तक ना आपने कुछ चाय, कॉफी, चॉकलेट या फिर स्मोकिंग, एल्कोहल व्यसन ना किया हो। अगर आप घर में बप चेक कर रहे है तो ध्यान रखना है कि आपकी बाजु पर कोई कपड़ा ना रहे ताकि सही रीडिंग्स मिल सके और आपको दिन में दो-तीन बार चेक करना है। ऐसे नहीं करना कि एक बार चेक किया और कंफर्म कर लिया है। दो-तीन बारी ब्लड प्रेशर चेक करना चाहिए दिन में और कई बार सिस्टोलिक कम आता है और डायस्टोलिक ज्यादा तो स्टेज 2 का  BP होता है।  

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण – Symptoms of High Blood Pressure in Hindi

इसके ज्यादा लक्षण नहीं होते है हम इसे साइलेंट किलर भी कहते है क्युकी इसके संकेत दिखाई नहीं देते।  

    • कई लोगों को नाक से ब्लीडिंग होने लगती है तो कई लोग बेहोस हो कर भी गिर जाते है। कई बार प्रेशर ज्यादा हो जाता है तो हार्ट अटैक भी हो जाता है बाकि सामान्य लक्षण में कुछ लोगों को सर भारी हो जाता है आंखें भारी हो जाती है।

हाई ब्लड प्रेशर की जटिलताएं

हाई ब्लड प्रेशर की वजह से बहुत सारे कॉम्प्लिकेशन बॉडी में हो सकते हैं जैसे कि

  • क्रोनिक किडनी डिजीज हो सकता है
  • हार्ट फेलियर हो सकता है
  • हार्ट अटैक आ सकता है
  • ब्रेन स्ट्रोक आ सकता है
  • ब्रेन हेमरेज हो सकता है
  • रेटिनोपैथी हो सकते हैं यानी कि आप को धुंदला दिखाई देने लगता है
  • कहीं पेशेंट में हाई ब्लड प्रेशर अगर ज्यादा हो जाता है तो याददाश्त भी धीरे-धीरे कम हो जाती है।
  • कई पेशेंट्स में TIA अटैक भी आता है मतलब मिनी अटैक – सायरन अटैक होता है इसमें आंखों के सामने अँधेरा छाने लगता है और आप बेहोश हो जाते हैं और थोड़ी देर में फिर ठीक भी हो जाते हैं। अगर ऐसा कुछ होता है तो तुरंत आपको डॉक्टर  चाहिए

हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम कारक 

अगर हाई ब्लड प्रेशर में हम जोखिम कारक की बात करते हैं तो सबसे बड़ा जो कारक है वह है – लाइफ स्टाइल। कोई फिजिकल एक्टिविटीज नहीं रही हैं सब कुछ काम बैठे-बैठे करते हैं तो इसकी वजह से कई बार ओबेसिटी का प्रॉब्लम हो जाता है। ओबेसिटी की वजह से भी हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure in Hindi) हो सकता है. 

जो लोग हाई कोलेस्ट्रॉल वाला खाना खाते हैं ज्यादा फैट वाला खाना खाते हैं उनको भी हाइपरटेंशन हो सकता है क्योंकि जो लोग ज्यादा फ्राइड वाला हाई कोलेस्ट्रॉल वाला खाना खाएंगे तो उनकी आर्टरीज में एस्ट्रोक्लासेस होने की संभावना इतनी ज्यादा होती है की आर्टरी में ब्लड का प्रेशर बढ़ने लगता है और हाई ब्लड प्रेशर होने की संभावना होती है। बहुत से लोग ज्यादा सेंसिटिव होते हैं और बहुत चिंता से गुजर रहे होते हैं या बहुत ज्यादा स्ट्रेस ले लिया है तो भी ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। 

पढ़े : चिंता के लक्षण | मानसिक स्वास्थय में सुधार कैसे करे

हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कैसे करे?

बीपी कोई आने की हाइपरटेंशन को मैनेज कर सकते हैं तो सबसे पहले बात पिंकी हम कैसे हाई बीपी को याने की हाइपरटेंशन को मैनेज कर सकते हैं तो 

  • शारीरिक गतिविधियां 

आपको प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट तक एक्सरसाइज करनी हीचाहिए, प्राणायाम करने हैं या योगासन करना है। अब जोगिंग भी कर सकते हैं या आप वॉक करने जा सकते हैं। आप स्विमिंग भी कर सकते हैं। आप साइकिलिंग भी कर सकते हैं। 

  • नमक का सेवन कम करना है 

हाई ब्लड प्रेशर में नमक नहीं खाना चाहिए। जो लोग बहुत ज्यादा नमक खाते हैं उनको भी हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम हो सकती है क्योंकि सोडियम की वजह से वैस्कुलर स्मूथ मसल्स जो है उसमें कोलाजन प्रोटीन बढ़ जाता है। उसकी वजह से हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure in Hindi) होने के चांसेस बढ़ जाते हैं इसलिए नमक आपको ज्यादा नहीं खाना है जितना हो सके कम नमक खाइए। कई लोगों को तो खाने के ऊपर नमक डालने की आदत होती है तो ऐसे लोगों को ब्लड प्रेशर हाई होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के हिसाब से हमें  5 gram से कम नमक खाना चाहिए। 

  • हाई फाइबर युक्त आहार 

हाई फाइबर फूड हम जितना लेंगे उतना हाई ब्लड प्रेशर में उपयोगी रहेगा। ज्यादा फैट वाला तला हुआ खाना नहीं खाना है।  घी, बटर, चीज पनीर यह सब बंद कर देना है या बिल्कुल कम कर देना है। 

  • मीठा कम खाना चाहिए 

मीठे का सेवन जितना हो सके कम करना चाहिए। ज्यादा मीठा नहीं खाना है। 

हाई ब्लड प्रेशर में क्या खाना चाहिए?

आप केला खा सकते हैं जिसमें पोटेशियम होता है। चुकुन्दर लीजिए क्योंकि उसमे नाइट्रेट होता है जो ब्लड वेसल को आराम देता है।  आप इसका जूस भी ले सकते हैं या सलाद में भी खा सकते हैं।  

स्ट्रॉबेरीज या ब्लूबेरी – इसके अंदर एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो हाइपरटेंशन को कम करता है। ब्रॉकली, लीफी ग्रीन वेजिटेबल – उसके अंदर मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है जो ब्लड फ्लो को कंट्रोल करता है तो आप लाफ़ी ग्रीन वेजिटेबल ले सकते हैं। इसके अलावा आप ले सकते हैं ओमेगा थ्री के लिए ओट्स की खिचड़ी या दलिया खाइए। तरबूज और अनार बहुत अच्छा है जिसको भी ब्लड प्रेशर हाई रहता है उसके लिए अनार बहुत ज्यादा लाभदायक है।  

लौकी भी बहुत उपयोगी होती है। आप लौकी का जूस ले सकते हैं लौकी की सब्जी खाइए लौकी का जूस पीजिए और फिर सफेद पेठा भी बहुत अच्छा है आपकी बॉडी से आपकी ब्लड वेसल्स से जो भी फैट जमा हुआ है  उसको फ्लश आउट करने के लिए सफ़ेद पेठे का जूस आप ले सकते हैं। जितने भी हाई ब्लड प्रेशर के पेशेंट है प्रॉपर डाइट का ख्याल रखें और उसके साथ-साथ आप फिजिकल एक्टिविटीज कीजिए।

हाई ब्लड प्रेशर के लिए उपयोगी प्रणायाम 

अब हम जानते हैं कि ऐसे कौन से प्राणायाम है जिसकी वजह से हमें हाइपरटेंशन में या हमारे ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure in Hindi) को नार्मल करने के लिए हमारे लिए  उपयोगी है तो सबसे पहला जो प्राणायाम है

इसके अलावा आप कुछ योगासन भी कर सकते हैं जिससे आपको हाइपरटेंशन को कम करने में मदद मिलेगी। ओबेसिटी या मोटापा है तो थोड़ा सा अपने शरीर पर ध्यान रखिए मोटापा कम कीजिए और इसके साथ महत्वपूर्ण है जिसकी वजह से आज कल हाई ब्लड प्रेशर हो रहा है ,स्ट्रेस इतना ज्यादा ले लेते हैं जिसकी वजह से ब्लड का फ्लो बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और अटैक्स आ जाता है या अचानक ब्रेन हेमरेज हो जाता है तो अपनी चिंता पर भी नियंत्रण रखे। 

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